इंसास राइफल की दुरुस्त ट्रिगर ऑपरेशन

जैसे की हमने अपने पिछले पोस्ट में जाने की  दुरुस्त शिस्त लेते समय एक फायरर द्वारा दो प्रकार की गलतिया होती है एक है साईट एलाइनमेंट(Sight Alignment) का और दूसरा साईट पिक्चर(Sight Picture) तो इस पोस्ट में हम जानकारी शेयर करेगे की साईट एलाइनमेंट और साईट पिक्चर की गलती को कैसे दूर करेगे और दुरुस्त ट्रिगर ऑपरेशन(Perfect trigger operation) कैसे करे !







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साईट एलाइनमेंट और साईट पिक्चर की गलती एक फायरर द्वारा की जाने वाली गलती है इस गलती को दूर करने या कम से कम करने के लिए निम्न एक्सरसाइज कराया जाता है जिससे फायरर की गलती में सुधार हो !

Aiming box Exercise
Aiming box Exercise

ऐमिंग बॉक्स एक्सरसाइज (Aiming box Exercise): साईट आलिन्ग्मेंट की गलती करने वाले फायरर को ऐमिंग बॉक्स एक्सरसाइज कराया जाता है ! इस एक्सरसाइज में फायरर शोर्ट ऐमिंग रेस्ट के पीछे पोजीशन लेता है! मजल एंड से 10 मीटर की दुरी पर ऐमिंग बॉक्स रखा जाता है . बॉक्स पे 6” x 6” का सफ़ेद कागज़ लगा रहता है जिस पर फायरर शिस्त लेता है और कोच ऐमिंग डिस्क को  पेपर पर रखता है . फायरर  के इशारे के मुताबिक कोच ऐमिंग डिस्क को हरकत देता है ! ज्यो ही फायरर की दुरुस्त शिस्त मिल जाती है वह   कोच को इशारा करता है कोच पेंसिल से निशान लगा देता है ! ये कारवाही तीन बार की जाती है ! ऐसा करने पर अगर फायरर का ग्रुप 6 cm कबंता है तो उसकी साईट अलिंग्मेंट की कारवाही सही है ! 
इस एक्सरसाइज का प्रैक्टिस बार बार करने से साईट अलिंग्मेंट की गलती को दूर किया जाता है !  


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ऐमिंग करेक्शन एक्सरसाइज(Aiming correction Exercise) : साईट पिक्चर की गलती करने वाले फायरर को ऐमिंग करेक्टर एक्सरसाइज कराइ जताई है ! इस एक्सरसाइज में राइफल के बैक साईट पे पीछे अमिंग करेक्टर लगाया जाता है और फायरर की शिस्त को चेक किया जाता है ! जरुरत शुदा करेक्शन दे कर उसे ठीक कराया जाता है !

गलतियो  को दूर करने के बाद भी अगर ट्रिगर ऑपरेशन ठीक से नहीं क्या जाये तो गोली ठीक जगह पे नहीं लगेगी , इस लिए ट्रिगर  ऑपरेशन में भी महारत हासिल करना चाहिए और ट्रिगर ऑपरेशन को ठीक से ऑपरेट कर के हम इंसास राइफल से एक गोली एक दुश्मन का टारगेट प्राप्त  कर सकते है!


ट्रिगर ऑपरेशन (INSAS Rifle’s Trigger operation) : यह राइफल एसएलआर के बनिस्पत छोटा और  हल्का है . इस लिए इसका ट्रिगर दबाते समय ज्यादा कण्ट्रोल की जरुरात पड़ती है ! इस राइफल से तीन  राउंड्स कण्ट्रोल ब्रस्ट फायर किया जाता है ! ट्रिगर दबाने का कम कलमे वाली अंगुली का है ! अंगुली का पहला और दूसरा जोरक बीच की जगह को ट्रिगर के ऊपर रखता है ! ट्रिगर के दो खिचाव है , हल्का और सख्त खिचाव. पहला खिचाव हासिल करने के बाद दूसरा खिचाव खिचाव हासिल करे ! ट्रिगर दबाते समय barrel हरकत नहीं करनी चाहिए . इस प्रकार ट्रिगर पर 2.1 kg का दबाव आने पर त्र्ग्गेर प्रेस हो जाता है . 



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जिस प्रकार से ट्रिगर क दबाया गया है उसी प्रकार आराम से ट्रिगर को रिलीज़ किया जाय, इस करवाई को शोर्ट रिलीज़ की करवाई कहते है !गलत ट्रिगर ऑपरेशन करने वाले को टिन डिस्क एक्सरसाइज दी जाती है!



टिन एक्सरसाइज(Tin disc  Exercise) : इस एक्सरसाइज में फायरर लाइंग पोजीशन अख्तियार करने के बाद भर और रेडी की करवाई करता है !  कोच बैरल के ऊपर टिन डिस्क रखता हा और फायरर से ट्रिगर प्रेस करने को कहता है ! फायरर द्वारा ट्रिगर प्रेस करने पर अगर टिन डिस्क नहीं गिरता है तो फायरर के ट्रिगर ऑपरेशन  की करवाई सही मानी जाती है ! यह करवाई भी तीन बार कराइ जाती है ! अगर दो  बार टिन डिस्क नहीं गिरता है तो ट्रिगर ऑपरेशन की करवाई सही मानी जाएगी ! 



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इस प्रकार से साईट एलाइनमेंट, साईट पिक्चर और ट्रिगर ऑपरेशन किया जाता है और ट्रिगर ऑपरेशन में होने वाली गलती को दूर किया जाता है! 



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