शारीरिक प्रशिक्षण के दौरान केवल दौड़ना भागना ही नहीं कराया जाता है बल्कि और बहुत से और भी एक्टिविटीज कराइ जाती है जिसमे अलग अलग तरह का फिजिकल ट्रेनिंग इक्विपमेंट या फिजिकल ट्रेनिंग apparatus का इस्तेमाल किया जाता है !
फिजिकल ट्रेनिंग चाहे ओ आर्मी का फिजिकल ट्रेनिंग हो या लोकल पुलिस का फिजिकल ट्रेनिंग हो या BSF/CRPF का फिजिकल ट्रेनिंग हो ! सभी के फिजिकल ट्रेनिंग में बहुत सरे फिजिकल ट्रेनिंग एकुप्मेंट या फिजिकल ट्रेनिंग apparatus का इस्तेमाल किया जाता है ! उन्ही मे से कुछ मुख्य मुख्य ट्रेनिंग apparatus के बारे में यहाँ पे हम जानकरी हासिल करेंगे !
Physical Training me istemal hone wale Apparatus |
- संतुलन बनवाने के लिए बीम (Beam balance):यह बीम एक्सरसाइज, नदी नालो को पार करते समय शारीर का संतुलन बनाने के अभ्याश के लिए काफी सार्थक है ! बीम चार प्रकार के होते है:
- बीम थर्ड क्लास इसकी उचाई 120 cm होती है ,
- बीम सेकंड क्लास इसकी उचाई 150 cm होती है
- बीम फर्स्ट क्लास इसकी उचाई 200 cm होती
- बीम स्पेशल क्लास इसकी उचाई 210 cm होती है
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- बल्लियाँ : बल्लियाँ टीम के साथ किसी कार्य को करने जैसे की भरी वास्तु को उठाने इतियादी के अभ्यास के लिए उपयुक्त है ! यह साख इतियादी के लकड़ी की बनी हो सकती है! इसकी लम्बी 12-14 फीट तक हो सकती है तथा वजन 90-120 पौंड तक !
- मेडसिन बल : मेड सिन बल का उपरी सतह चमड़े या रबर के बने हो सकते और इसके अन्दर वजन के लिए प्लास्टर ऑफ़ पेरिस भरा होता है ! ये पेट तथा कमर की चर्बी को कम करने , साथ ही बडी के साथ ताल मेल बैठाने के काम आती है ! यह भिन्न भिन्न वजन में आता है ! मेड सिन बल का वजन 2,3,5,7,8, 9 और 10 किलो का होता है !
- उची कूद का स्टैंड : उची कूद, रस्ते में आने वाली बाधाओं को पर करने तथा आत्मविश्वास बढ़ने के लिए उपुक्त है ! इसके लिए आखाडा (मिटटी खुद्दी हुई ) या गद्दा होना चाहिए ! स्टैंड के साथ बार लगेहुए हों ते है उसे बार इ परली साइड अखाडा बनाया हुवा रहता है या गद्दा रखा रहता है जो कूदने वाले जवान के परली तरफ गिरने की दिशा गिरने वाले जवान को चोट ना लगे !
- बॉक्सिंग के दस्ताने और पंच: बॉक्सिंग के द्वारा जवानों में स्टैमिना बढ़ने के साथ साथ आक्रामकता भी आती है ! बॉक्सिंग लड़ने वाले के वजन की केटेगरी के अनुसार फाइट कराया जाता है , जैसे लाइट वेट , फ्लाई वेट , पंथोन वेट, फिथर वेट , हैवी वेट इत्यादि ! इसकी सिखलाई देने के लिए बॉक्सिंग ग्लव्स , बॉक्सिंग पैड/पंच , हेड गार्ड , गम शेइल्ड इत्यादि होता है ! ग्लोवेसका वजन 10 औंस या 284 ग्राम होता है !
- फाद्नेवाली रस्सी : रस्सी फादने से पिंडली की मस्पेशिया मजबूत होते है और पैरों के पैन्जे में भी ताकत आती है जिसके कारन जम्प करने में बेहतर टेक ऑफ मिलता है ! फादने वाली रस्सी (skipping rope) की लम्बाई 7 फीट होती है ! यह धागे या प्लास्टिक की बनी हुई होती है !
- वर्टीकल रोप : वर्टीकल रोप के अभ्यास से ना केवल हाथों में ताकत आती है बल्कि इसके अभ्यास के बाद बिल्डिंग इत्यादि पर चढ़ना या किस गहरे स्थान से निकलने में मदद मिलती है ! वर्टीकल रोप की कुल लमाबाई १८ फीट होती है जो स्टैंड से लटकता रता है ! इसमें 12 फीट चढ़ना होता है ! इसे थर्ड क्लास, सेकंड क्लास , और फर्स्ट क्लास के तरीके से चढ़ा जाता है !
- लकड़ी का घोडा : लकड़ी का घोडा जवानों में आत्मविश्वास उत्पन्न करने तथा बाधाओं को पार करना सिखलाने के काम आता है ! ये लकड़ी का बना होता है जिसके ऊपर गद्दे की परत रहती है !इसकी लम्बाई 1.5 मीटर होती है . यह ऊपर से 1 फीट चौड़ा होता है और नीचे से 2.5 फीट ! थर्ड क्लास घोड़े का उचाई 107 cm जबकि सेकंड क्लास और फर्स्ट क्लास की उछई 120 cm होती है ! इसे लम्बा और ऐडा दोनों तरीके से कूदा जा सकता है !
- व्याम के गद्दे : व्याम के गद्दे जवानों को फ्रंट रोल , बेक रोल, डाइव रोल इतियादी की सिखलाई के दौरान चोट से बचने के लिए उपयोग में आते है !
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- बीम : बीम बाजुओं की ताकत बढ़ने के काम आता है ! इसके लिए पेट में ताकत होना जरूरी है ! इसे कई तरीको से किया जा सकता है! जैसे फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास और थ्रीड क्लास ! इसकी लम्बई 12-14 फीट होता है और इसकी हाइट 2 मीटर से 60 cm होती है !
- डाइविंग स्टैंड : डाइविंग स्टैंड डाइव रोल के दौरान प्रयोग में लाया जाता है ! डाइव रोल उचाई से गिरते समय शरीर इ नाजुक हिस्सों को चोट से बचने के सिखालाई के काम आता है ! डाइविंग स्टैंड की उचाई 2-3 फीट तक होता है !
- रस्साकस्सी के रस्से : वर्टीकल रोप या होरिजंटल रोप में इस्तेमाल होने वाले जुट के रस्से ही रस्साकस्सी के प्रयोग में लाया जाता है ! यह कम से कम इतना लम्बा हो की दो टीमों के कम से कम 15-15 जवान इसे आसानी से पकड़ सकें ! इस रस्से के बीचो बीच लाल रंग का धागा या रिबन बांध दिया जाता है जो हार -जीत का फैसला करने मदद करता है ! रस्साकस्सी से ना केवल ताकत मिलती है बल्कि जवानों में जीत की इक्षाशक्ति भी उत्पन्न होती है ! इस रस्सी का गोलाई 15 cm होती है !
- नारियल की चटाई : नारियल की ये चटाई फ्रंट रोल, बेक रोल, डाइव रोल इतियादी के सिखलाई के समय चोट से बचने के लिए लगे जाती है ! इसका साइज़ 4 x 4 , 4 x 6 और 6 x 6 फीट हॉट है !
- उची कूद , लम्बी कूद और कुस्ती का आखडा : उची कूद , लम्बी कूद और कुस्ती के दौरान चोटों से बचने के लिए अखाड़े का निर्माण किया जाता है ! इसके लिए ग्राउंड के 5 x 5 मीटर के आकर को खोद कर मिटटी को महीन बना दिया जाता है ! इस अखाड़े से एक-एक कंकड सावधानी से चुनकर हटा दिया जाता है ! अखाड़े की मिटटी को और मुलायम बनाने के लिए के लिए अखाड़े में लकड़ी का बुरादा , नमक और कुश्ती के अखाड़े में सरसों का तेल भी डाला जाता है !
- हर्डल : तेजी के साथ दौड़ते हुए रस्ते में आने वाली बाधाओं को पर करने की सिखलाई देने के लिए हर्डल का अभ्यास करवाया जाता है ! इसके लिए 110 मीटर और 400 मीटर का ट्रैक होता है जिसमे 10 हर्डल क्रमशः 10 और 40 मीटर की दुरी पर रखे होते है . 110 मीटर में हाई हर्डल और 400 मीटर में लो हर्डल का प्रयोग किया जाता है! हाई हर्डल की हाइट 1.67 मीटर और लो हर्डल की हाइट 91.4 cm होता है ! इसका वजन 3.5 -4 किलो तक हो सकता है !
- रिले दौड़ में बैटन : रिले दौड़ में टीम के रूप में धावक भाग लेते हा ! रिले टीम में 4-4 धावक होते है ! रिले दौड़ में 100 x 4 और 400 x 4 दुरी के होते है ! इसमें धावक 100 या 400 मीटर दौड़ने के बाद अगले धावक को बैटन पकड़ा देता है और फिर वो धावक टीम के अपने अगले साथी को ! इस प्रकार दौड़ को सबसे पहले पूरा करने वाली टीम विजी होती है ! इसकी लम्बाई 11-12 इंच व्याश 12 cm और वजन 50 ग्राम !
- रोलिंग मैट: रोलिंग मैट नारियल की बनी चटाई होती है जो अमूमन लाल रंग में आती है ! इसका प्रयोग लगातार फ्रंट रोल करने या घोड़े पर जम्प करते समय रनिंग मैट और पेट की एक्सरसाइज (sit up) करने के लिए किया जाता है ! इसका चौड़ाई 1, 1.5 या 2 मीटर तथा लम्बाई 25 मीटर तक हो सकता है !
ये रहे फिजिकल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले कुछ apparatus और उसके परिचय !
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