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जैसे की हम जानते है है की एलेमजी इतना सटीक स्थियर है की अगर दुरुस्त पकड़ के साथ अगर दुरुस्त शिस्त लिया जाय और दुरुस्त फायर करे तो एलेमजी से काफी तदाद में हम फायर डाल सकते है और ज्यादा से ज्यादा टारगेट को एक साथ इंगेज कर सकते है !इसलिए ये जरुरी है की एक जवान को दुरुस्त पकड़ के सात दुरुस्त शिस्त लेना भी आता हो !
इंसास एलएमजी का दुरुस्त शिस्त |
दुरुस्त शिस्त : जब एक फायरर अपने आँख और दिमाग का सही इस्तेमाल करते हुए अपने हथियार के ऊपर लगी हुए शिस्त को पॉइंट ऑफ़ एम (Point of Aim) पर मिलाता है तो उसे शिस्त लेना कहते है ! इंसास राइफल और इंसास एलेमजी में पकड़ और पोजीशन में अंतर हों के कारन एलेमजी में ऑय रिलीफ ज्यादा बनता है जिससे फील्ड ऑफ़ व्यू (Field of View) कम बनता है !
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दुरुस्त शिस्त लेने का तरीका
इंसास एलेमजी में शिस्त लेने का तरीका हुबहू इंसास राइफल की तरह ही है लेकिन एलएमजी में ऑटो फायर करने की काबिलियत है जिसके कारन थरथराहट ज्यादा होती है इसलिए फायरर को फ़ॉर साईट टिप को अप्रेचर के मध्य में रखने पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है और मजबूत पकड़ बरकरार रखने की जरुरत पड़ती है !
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हटकर शिस्त लेना : एलेमजी से भी हटकर शिस्त लेना या चलते और दौड़ते टारगेट पे शिस्त लेना राइफल की तरह ही है , लेकिंग टारगेट को इंगेज करने में फर्क है ! एलेमजी से ट्रैकिंग और त्रप्पिंग दोनों तरीको से टारगेट को इंगेज करते है !
- ट्रैपिंग: इस तरीके से टारगेट को इंगेज करने का टिका इस प्रकार से है :
- टारगेट का सही रेंज मालूम करे और रेंज लगाये !
- टारगेट की रफ़्तार के मुताबिक लीड निकले !
- टारगेट के आगे कोई मशहूर निशान चुनें और एलेमजी को फिक्स करे !
- मशहूर निशान से टारगेट की तरफ निकले गए लीड को बताएं और कोई मदद का निशान चुने !
- जब टारगेट मदद के निशान के पास पहुच जाए तो मशहूर निसान पर 6-8 राउंड का ब्रस्ट फायर करें टारगेट बर्बाद हो जायेगा !
- ट्रैकिंग का तरीका: टारगेट को फायरिंग के द्वारा पीछा करते हुए भी बर्बाद किया जा सकता है जिसे हम ट्रैकिंग का तरीका कहते है ! ट्रैपिंग का तरीका ट्रैकिंग का तरीके से अच्छा माना गया है