किसी भी हथियार को annualआनुअल फायर करने से पहले हथियारों को जीरो किया जाता है ताकि इस बात का यकीं हो जाये की दिफ्लेकसन(Deflection) और एलिवेशन(Elevation) दोनों के लिए हथियारों के सीते को दुरुस्त किया जा सके !
एलेमजी को किसके द्वारा ज़ेरोइंग करना चाहिए(.303″ LMG ko kiske dwara zeroing karana chahiye) :एलेमजी और राइफल के ज़ेरोइंग में कोई खास फर्क नहीं है सिवाए इसका की राइफल एक जवान का जातीय हथियार होता है इस लिए ये जरुरी होता है की सभी जवान अपना राइफल का ज़ेरोइंग स्वमं फायर करके करे जब की एलेमजी एक सेक्शन का वेपन होता है इसलिए जवानों को अपनी मर्जी के अनुसार जिरोइंग नहीं किया जाता है है बल्कि एक सेक्शन के औसत जवानों के लिए ही जीरो किया जाता है !
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इसलिए एलेमजी को अमूमन एलेमजी नम्बर 1 के द्वारा ही कराइ जाती है और यदि सेक्शन में कोई और जवान जो एलेमजी नम्बर 1 से अच्छा फायर करता है तो उसके द्वारा कराइ जाती है !
एलेमजी को कब कब जीरो किया जाता है(.303″ LMG ko kab kab zero kiya jata hai) :
- नई गन मिलने पर या कोई नया पार्ट्स बदलने पर
- रेंज क्लासिफिकेशन फायर से पहले !
- गन की दुरुस्ती चेक करने के लिए विशेषकर वैसे वेपन का जिससे लम्बे समय से फायर नहीं किया गया हो !
- गन की दुरुस्ती पर शक होने पर !
- किसी बड़ी ऑपरेशन में जाने से पहले
- किसी फायरिंग प्रतियोगिता में जाने से पहले !
- दोनों बैरल को जीरो करके दोनों का नतीजा एक सा होना चाहिए !
- एलमजी की साईट लाइन ऑफ़ फायर से 1″ बाये होने की वजह से इसका एम्.पि. आई. 1″ दाये बनता है ! यह फर्क हर रेंजो पर एक सा होता है इस लिए इसका एम्.पी.आई को कभी भी सेण्टर में लेन की कोशिश नहीं करना चाहिए !
- एल.एम्.जी. जीरो करने के बाद सेक्शन के बाकि जवानों से ग्रुपिंग फायर करवाकर मास्टर ग्रुप चेक कर लेना चाहिए ! ऐसा करने से सेक्शन के बाकि जवानों को एलिवेशन और डिफ्लेकसन का फर्क मालूम पद जायेगा !
- हर एक जिरोइंग के बाद इसका रिकॉर्ड रखना चाहिए !
- जिरोइंग से पहले एल.एम्.जी का मुलेहजा कर लेना चाहिए !
- जहा तक संभव हो जिरोइंग साफ दिन और सुबह के वक्त ही करना चाहिए ऐसा करने से जिरोइंग का नतीजा अच्छा मिलता है !
- यकीं करना चाहिए की जिरोइंग से पहले बैरल खुश्क और अच्छी हालात में हो !
- ग्रुपिंग फायर करने से पहले बैरल 10 गोलिओ का ब्रस्ट फायर करके गर्म कर लेना चाहिए !
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