ग्रुपिंग फायर क्या होता है? ग्रुपिंग की काबिलियत किसे कहते है ?

पिछले पोस्ट में हमने ब्लो बैक विथ एपीआई के बारे में जानकारी हासिल की ! इस पोस्ट में हम आम ग्रुप के सिद्धांत के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जिसमे जानेगे की ग्रुप  फायर क्या है




एक अच्छा फायरर  बनने के लिए आम ग्रुप के सिद्धांत जानना  और उनका प्रयोग करना बहुत ही जरुरी है ! एक फायरर को याद रखना चाहिए की की 25 या 100 गज से जीरो किया गया राइफल या एलेमजी जरुरी नहीं है की दुसरे रेंजो पर साईट  के अनुसार दुरुस्त फायर करे !
 इस लिए हर जवान को इस काबिल होना चाहिए की वह अपनी गोलिओं की मार देख कर ठीक दुरुस्ती हासिल कर सके ! यह वह तभी कर सकता है जब ओ ग्रुप के सिद्धांत को भली भाति समझता हो !

इस पोस्ट में हमन आम ग्रुप के सिद्धांत से सम्बंधित निम्न विषय को जानेगे :

ज़ेरोइंग फायर
ज़ेरोइंग फायर 
  1.  ग्रुप फायर क्या है ?(Group fire kya hai?)
  2. ग्रुप की काबिलियत (group fire ki kabailiyat kya hoti hai ?)
  3. फायर से पहले दूर करने वाले दोष (Fire karne se pahle dur karne wale kaun kaun se dosh hai?)
  4. ग्रौपों के पॉइंट देने का तरीका (Groupon ke point deene ka aam tarika kya hai?)
  5. रेंज और ग्रुप में सम्बन्ध (Range aur group me kya samabandh hai)

1.  ग्रुप फायर क्या है ?(Group fire kya hai?): जब एक फायरर एक ही रेंज और एलिवेशन से एक ही जगह पर दुरुस्त शिस्त लेकर एक से ज्यादा राउंड फायर करता है तो इस तरह गोलिओं की मार से टारगेट पर जो भी खाका बनती है उसको ग्रुप कहते है !

राइफल में यह ग्रुप 5 गोलिओ का माना  जाता है ! ग्रुप की सबसे दुरी वाली गोलिओ के बीच वाले फासले को ग्रुप का साइज़ या नाप कहते है ! जो इंचो या सेंटीमीटर में नापा जाता है !

2. ग्रुप की काबिलियत (group fire ki kabailiyat kya hoti hai ?)अगर एक फायरर चाँद दिनों के अरसे के अन्दर अलग अलग मौसमी सलातों में 100 गज रेंज से कई ग्रुप फायर करे तो इन ग्रौपों का औसत नाप उसके ग्रुप की काबिलियत होगी ! इसका मतलब यह है की वह फायरर आम हालातो में लगभग उस नाप के ग्रुप बना सकता है !
3.फायर से पहले दूर करने वाले दोष (Fire karne se pahle dur karne wale kaun kaun se dosh hai?): जब फायरर को अपने ग्रुप की काबिलियत मालूम हो जाती है तो फायर करने से पहले दूर होने वाले दोषों को निकल देना चाहिए ! दूर करने वाले दोष ये है :
(a) ज़ेरोइंग : ऊपर नीछे और दाहिने बाएं की गलती दूर करने के लिए हथियारों को जीरो किया जाता है 
(b) मौसमी हक : फायरर की जिमेवारी है की गोली फायर करने से पहले हवा और रौशनी का हक़ रखकर फायर करे !

4. ग्रौपों के पॉइंट देने का आम  तरीका (Groupon ke point deene ka aam tarika kya hai?):  ग्रौपों को नम्बर इस तरीके से दिए जाते है :
(a)   4 इंच या 10 सेंटीमीटर                                                      50 पॉइंट 
(b)  5 इंच या 12.5 सेंटीमीटर                                                    48 पॉइंट 
(c)  6 इंच या 15 सेंटीमीटर                                                       46 पॉइंट 
(d)  8 इंच या 20 सेंटीमीटर                                                       42 पॉइंट
(e)  9 इंच से 10 इंच या  22.5 सेमी से 25 सेमी                           36  पॉइंट  
(f) 11  इंच से 12 इंच या  27.5 सेमी से 30 सेमी                         30 पॉइंट  
(g) 12 इंच   या  30 सेमी से ज्यादा                                          वाश आउट 
5. रेंज और ग्रुप में सम्बन्ध (Range aur group me kya samabandh hai): अपने ग्रुप की काबिलियत मालूम करने के बाद फायरर को चाहिए  की वह यह मालूम कर के की अलग अलग रेंज में उसके ग्रुप यानि गोलिओं का फैलाव कितना रहेगा ! 
क्यों की रेंज और ग्रुप में एक बहुत ही गहरा सम्बन्ध है जैसे जैसे रेंज बढेगा उसी के अनुसार ग्रुप की साइज़ भी बढ़ते जाती है यानि अगर एक फायरर का ग्रुप का साइज़ 100 गज पर 5 इंच बनती है तो वह 300 गज पे 15 इंच बनेगी !यह बात फायरर को भली बहती जानकारी होनी चाहिए नहीं तो वह समझेगा की उसका ग्रुप ख़राब होगया जब की ग्रुप रेंज के साथ बढ़ता घटता है !

इस प्रकार से ग्रुपिंग फायर तथा ग्रुप की काबिलियत से सम्बंधित पोस्ट संपत हुई उम्मीद है की यह पोस्ट आपको पसंद आएगा ! अगर इस ब्लॉग पोस्ट के बारे में कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब तथा फेसबुक पेज को लाइक कर हमलोगों को प्रोतोसाहित करे
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