पिछले पोस्ट में हमने आटोमेटिक वापोंस में गैस रेगुलेशन के तरीके के बारे में हमने बात किये ! इस पोस्ट में हम ब्लो बैक ओपेरातेड हथियार और उनकी विश्ताये क्या होती है (Blow back operated hathiyar aur unki visheshtaye)के बारे में जानेगे !
एक जवान को हथियार के चाल और उसके मेच्निस्म की जानकारी होनी चाहिए ताकि उस हथियार में पड़नेवाली किसी भी रोक के कारन को अच्छे से समझ सके और उसे दूर कर सके क्यों की हम जानते है की ऑपरेशन के दौरान जवान को खुद अकेले ही सभी करवाई करनी पड़ती है वह न तो अर्मोरेर होता है न ही कोई और बल्कि खुद ही उसे सभी प्रकार के रोको को दूर करके लड़ाई की लड़नी पड़ती है ! इस लिए जरुरी है की एक जवान अपने पर्सनल वेपन तथा जिस किसी भी हथियार को ओ इस्तेमाल कर रहा है उसके चाल और मैकेनिज्म के बार में जानकारी रखे !
इस पोस्ट में हम नींम विषयों के बारे मे जानेगे :
- ब्लो बैक ऑपरेशन क्या है ?(Blow back operation system kya hai?)
- ब्लो बैक ऑपरेशन वाले हथियारों का विशेषताए (Blow back operation wale hathiyaro ka kya visheshtaye hoti hai)
- ब्लो बैक ऑपरेशन के प्रकार (Blow back kitne prakar ke hote hai )
1. ब्लो बैक ऑपरेशन क्या है ?(Blow back operation system kya hai?):
साधारण ब्लो बैक ऑपरेशन |
इस सिद्धांत में साइकिल ऑफ़ ऑपरेशन को पूरा करने के लिए ताकत गैस द्वारा केस के बेस पर लागए गए दबाव के करण केस द्वारा पीछे की हरकत करने से मिलती है ! इसे स्पेंट केस प्रोजेक्शन भी कहते है !
ब्लो बैक हथियारों में ब्रीच को लॉक नहीं करते है !राउंड फायर होने से बना गैस का दबाव केस के अन्दर चारो ओर पड़ता है ! आगे की दिशा मे पड़ने वाला दबाव बुल्लेट को बैरल में धकेलता है और पीछे के दिशा में पड़ने वाला दबाव केस को पीछे की ओर धकेलता है ! केस के साथ ब्रीच ब्लाक लगा होने के कारन चाल वाले पुर्जे पीछे की हरकत करते है और एक्सट्रैक्शन , इजेक्शन और फीड की करवाई होती है और रीटर्न स्प्रिंग दबता है ! दबे रीटर्न स्प्रिंग की मदद से चाल वाले पुर्जे आगे जाते है और साइकिल ऑफ़ ऑपरेशन की बाकि करवाई पूरी करते है ! इस प्रकार से ब्लो बच्क्स्यस्तेम काम करता है !
2.ब्लो बैक ऑपरेशन वाले हथियारों का विशेषताए (Blow back operation wale hathiyaro ka kya visheshtaye hoti hai): ब्लो बैक वाले हथियारों में मैकेनिकल सेफ्टी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित विशेषताए होती है !
- भरी ब्रीच ब्लाक का होना !
- ताकतवर री टर्निंग स्प्रिंग
- कम लम्बाई के बैरल
- समनांतर चैम्बर तथा कात्रिगे केस
- काम पॉवर के अमुनिसन यदि
3.ब्लो बैक ऑपरेशन के प्रकार (Blow back kitne prakar ke hote hai ): ब्लो बेक हथियार तीन भागो में बटा जा सकता है!
- साधारण ब्लो बेक (Simple blow back)
- ब्लो बेक विथ एपीआई(Blow Back with API)
- डिलेड ब्लो बेक (Delayed Blow Back)
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इस प्रकार से ब्लो बैक क्या होता है और उसकी विशेषताए के बारे में पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है की यद् पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे !
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