पिछले पोस्ट में हमने मैप के स्केल के बारे में जाना! इस पोस्ट में हम जानेगे की एक जवान को दिशा के बारे में जानना क्यों जरुरी है (Map reading me disha ka jankari kyo jaruri hota ha?)और दिशा कितनी प्रकार की होती है ?
मैप रीडिंग की पहली सिखलाई ही दिशा के ज्ञान से शुरू होता है ! और एक जवान को दिशा की जानकारी की आवश्यकता इस लिए पड़ती है की एक अच्छे सैनिक के व्यावहारिक जीवन में दिशाओ और दिग्रियो का प्रयोग सैनिक कौसल कहलाता है !
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मैप रीडिंग क्यों जरुरी है ?(Map Reading kyo jaruri Hai?)
जिस प्रकार से एक आदमी का पहला पाठ एक बच्चा अपनी माँ के प्यार और बाप के दुलार से सीखता है उसी प्रकार एक सैनिक युद्ध क्षेत्र या की ऑपरेशन एरिया में विजय पाने के लिए पहला पथ मैप रीडिंग की सिखलाई में दिशाओ और दिग्रियो के ज्ञान से सीखता है !
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इसलिए सैनिको को दिशाओ का ज्ञान होना जरुरी है ! अगर लड़ाई के मैदान में कोई सैनिंक भटक जाय और उसको दिशाओ की ज्ञान न हो तो वह अपने स्थान पर पहुचने के बजे दुश्मन के क्षेत्र में भी पहुच सकता है ! अपनी पोजीशन निकालते वक्त मैप सेट करना पड़ता है ! मैप सेट करते वक्त उत्तर दिशा ज्ञात करने के लिए और दिशाओ का जानना भी जरुरी है ! इसी कारन से मैप रीडिंग के सिखलाई के लिए दिशा और दिग्रियो का जानना बहुत जरुरी होता है !
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दिशा के प्रकार(Kinds of Directions) : सिखलाई के लिए दिशाओ के 3 प्रकार की होती है :
- बड़ी दिशाए (Cardinal Points)
- प्रमुख दिशाए (Intermediate Points)
- छोटी दिशाए 🙁 sub Intermediate Points)
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