जैसे की हम जानते है की नाईट में मार्च करना उतना आसान नहीं है लेकिन उसको आसान बनने के लिए बहुत सी करवईया की जाती है की नाईट मार्च आसानी और सफलता पूर्वक किया जा सके !उनसब करवईयो को बारे में इस पोस्ट में हम जानकारी प्राप्त करेगे !
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इस पोस्ट के माध्यम से हम नाईट मार्च का पांच स्टेज के बारे में जानेगे जो निम्न है :
Compass ke parts ka naam |
1. नाईट मार्च की तैयार कैसे की जाती है ?(Night march ki taiyari kaise karte hai )
2.नाईट मार्च के लिए रास्ते का चुनाव करते समय क्या ध्यान में रखा जाता है ?(Night march ke lie raste ka chunaw kaise karte hai )
3.नाईट मार्च चार्ट कैसे बनाया जाता है ?(Night march char kaise banaya jata hai)
4. कंपास सेट करना (Compass set Karna)
5.कम्पास पर सीरियल नम्बर मार्क करना (Marking of compass)
1. नाईट मार्च की तैयार कैसे की जाती है और क्या-क्या किया जाता है ?(Night march ki taiyari kaise karte hai ):नाईट मार्च की पूरी तयारी जहा तक हो सके दिन में ही पूरी कर लेनी चाहिए !इस तैयारी की पांच स्टेज होता है जिसमे पहला है :
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रैकी (Reece):नाईट मार्च के आखरी स्थान पहुचने के लिए सुविधानुसार बिच में कई बाउंड चुनने पड़ते है , जहा से मार्ग बदलना पड़ता है ! इन बाउंडस को चुनने के लिए पहले एरिया की रैकी करना पड़ता है ! रैकी दो प्रकार की होती है :
(i) मैप पर (On Map):जब शत्रु के एरिया में घुसने के लिए नाईट मार्च किया जाता है तो इलाके की रैकी मैप के ऊपर ही की जाती है और मैप के ऊपर पर ही बोउन्ड्स चुने जाता है !
(ii) जमीन पर (On Ground):जब नाईट मार्च शत्रु रहित इलाके में करना हो या ट्रेनिंग एक्सरसाइज के लिए करना हो तो कमांडर जमीन पर रैकी करके बोउन्ड्स का चुनाव करता और फिर नेविगेशन पार्टी को मैप की मदद से इन बोउन्ड्स को ढूढने के लिए कहता है !
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2. नाईट मार्च के लिए रास्ते का चुनाव करते समय क्या ध्यान में रखा जाता है ?(Night march ke lie raste ka chunaw kaise karte hai ):शत्रु के इलाके में जाने या शत्रु इलाके में रात के समय पेट्रोलिंग करने या रैकी पार्टी भेजने के लिए रास्ते का चुनाव करना बहुत महत्वपूर्ण होता है !
इस लिए रास्ते चुनते समय इस बातो का ध्यान रखना चाहिए :
- जिस रास्ते पर शत्रु का मिलने का चांस काम हो और शत्रु मिल भी जाए तो बचाव के लिए बनावटी या कुदरती आड़ हो !
- रास्ता चलने में आसन हो
- तय करने में नजदीक हो
- टैक्टिकल लिहाज से सुरक्षित हो , नदी , नाले, व टूटी फूटी जमीन से हो कर जाने वाले रास्ते को सुरक्षित माने जाते है !इस रास्तो की जानकारी मैप पे दिखाई गई रिलीफ से आसानी से मिल जाती है ! इस रास्तो को चुनते समय निम्न बातो का ख्याल रखना चाहिए :
- यदि रास्ते में कोई रुकावट जैसे नदी या नाला पड़ता है उसका बहाव किधर है , गहरे कितनी और पानी के निचे का धरातल कैसे है !
- रुकावट को पार करने का आसान ड्रिल मालूम हो
- शत्रु के इलाके में पड़ने वाली सड़क, पगडण्डी और नाले आदि के क्रासिंग पुल या कुदरती और बनावती डिफायलो को जहा तक हो सके रास्ते में सामिल नहीं करना चाहिए ! यदि किया भी जाय तो सावधानी से पर करना चाहिए क्यों की शत्रु इन जगहों पर अपना अम्बुश लगा के रखता है !
नाईट मार्च चार्ट डिटेल्स |
- पहले बाउंड से दुसरे बाउंड फिर दुसरे बाउंड से तीसरा बाउंड यानि बाउंड से बाउंड गंतव्य तक का मैग्नेटिक बेअरिंग और फासला एक पेपर पर लिख ली जाती है !
- हर बोउन्ड्स का कन्वेंशनल सिग्न भी नोट कर लिया जाता है !
- टारगेट जहा पे हमे फाइनली जाना है उसका नाम नहीं लिखा जाता है !
- फिर इन सूचनाओ को मार्चिंग चार्ट में भर दिया जाता है !
नाईट मार्च चार्ट |
- मार्चिंग चार्ट की लिखाई दोहरी लाइन के बिच किया जाता है !और इन लाइनो के बिच आलपिन से छिद्र कर दिया जाता है ताकि चंद्रमा या ब्लैक आउट की हुई टोर्च लाइट में आसानी से पढ़ी जा सके !
- दोहरी रेखाओ के बहरी भाग को काली पेंसिल से शेडिंग कर दिया जाता है !
- इसमें इस्तेमाल होने वाले कन्वेंशनल सिग्न सही होने चाहिए !
- मार्चिंग चार्ट बन जाने के बाद चार्ट के पीछे वाले हिस्से को ब्लैक पेंट से कलर कर देना चाहिए जिससे रात को लाइट में पढने पर शत्रु को दिखाई न दे !
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