जैसे की हमन जानते है की नाईट मार्च करने के बहुत फायदा है लेकिंग साथ ही नाईट मार्च करना उतना असना भी नहीं है ! नाईट मार्च शत्रु के एरिया में करते समय बहुत से खतरों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ता है !
इस खतरों से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए नाईट मार्च की प्रैक्टिस बहुत अच्छी तरह से करना चाहिए और हर अवस्था में करना चाहिए ! ताकि जवान जरुरत पड़ने पर किसी भी अवस्था में नाईट मार्च करने में हिचकिचाहट न महसूस करे !
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इस पोस्ट में हम नाईट मार्च के जो तीन निम्न अवस्थाये है उसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे और यह भी जानेगे की इन अवस्थाओ में मार्च करने की विधि क्या है !
नाईट मार्च |
1. चांदनी रात में नाईट मार्च करने का विधि (Moon light me night march karne ka vidhi)
2. तारो भरी रात में नाईट मार्च करने का विधि (Star light night me night march karne ka vidhi)
3. बदल भरी रात में नाईट मार्च करने का विधि (Cloudy night me night march karne ka vidhi)
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1. चांदनी रात में नाईट मार्च करने का विधि (Moon light me night march karne ka vidhi):चांदनी रात में नाईट मार्च करने का विधि इस प्रकार से है :
- रात को बताये हुए बेअरिंग पर एक ही सिद्ध में दो मशहूर जमीनी निशान चुनते है !
- और उनकी सीधी लेते हुए आगे बढ़ जाते है !
- जब हम नजदीक यनी पहली वाली मशहूर निशान पर पहुच जाते है तो दूसरी निशान की सिद्ध में अर्थात दिए हुए बेअरिंग पर तीसरा निशान चुनते है !
- ठीक इसी प्रकार से अगला निशान पे आ जाने पर उसी के सिद्ध में एक और निशान चुनते हुए उसी के बेअरिंग पर चलते जाते है !
- इस प्रकार से एक निशान से दुसरे और दुसरे से तीसरे निशान होते हुए हम अपने टारगेट पे पहुच जाते है !
- दिए हुए बेअरिंग पर आकाश में लगभग 30 डिग्री के उचाई पर सब तारो में सबसे ज्यादा चमकने वाला तारे को चुनते है !
- लगभग 30 डिग्री की उच्चाई पर ही तारो के चुनने के दो कारण है :
- यदि तारा 30 डिग्री से अधिक उच्चाई पर चुना जायेगा तो हमे अपने गर्दन को ऊपर कर चलना पड़ेगा जो की एक असुविधाजनक और कठिन है !
- यदि तारा 30 डिग्री से काम उच्चाई पर चुना जायेगा तो वह तारा जल्दी धूमिल हो जायेगा और इसे पहचानने में परिशानी होगी !
- तारे के चुनाव कर लेने के बाद यदि संभव हो तो किसी मशहूर निशान को भी तारे की सीध में चुन लेना चाहिए !
- इस प्रकार तारे और जमीन निशान के सिद्ध में बढ़ते चले जाना चाहिए !
- घना अँधेरा हो तो चलने का आसान तरीका है की दिए हुए बेअरिंग पे एक आदमी को इतनी दूर भेजा जाय , जहा तक की वह दिखाई दे सके !
- बाद में कम्पस वाला जवान फासला नापते हुए उस व्यक्ति के पास पहुचे !
- उस व्यक्ति के पास पहुच कर फिर वही प्रकिया दुहराई जाए !
- यदि आगे चलने वाला व्यक्ति के पीठ के ऊपर कोई चमकीला पेंट , या सफ़ेद कपडा बांध दिया जाय तो दूर से दिखाई देने के कारण एक बार में काफी फासला तय किया जा सकता है !
- ध्यान रखे एक बार में जितना ज्यादा दुरी तय की जाएगी उतनी ही काम गलती होगी !
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