पिछले पोस्ट में हमने हथियार के साथ चलने वाली चाले और और उसे चलने का तरीका के बारे में जानकारी प्राप्त की अब इस पोस्ट में हम एक नई विषय के बारे में सीरीज सुरु की जिस का पहले पोस्ट है गुरिल्ला लड़ाई और उसका परिचय तथा इतिहास(Gurilla ladai ka meaning aur parchay.) !
जैसे की हम देखते है की आज के समय में दिन पर दिन युद्धों का स्वरुप बदलते जा रहा है पहले जहा युद्ध दो सेनाओ के बिच होता था ओ बदलते बदलते सेना और सेना के साथ कुछ जनता उस युद्ध में सामिल होने लगे यानि ओ एक मिश्रित युद्ध था!
लेकिन आज के समय में सेना का जनता के छोटे छोटे समूहों के साथ सामान करना पड़ता है वह छोटा समुह अपना अपना अपवित्र उद्देश्य के पूर्ति के लिए सेना या आर्म्ड फ़ोर्स के साथ छोटे छोटे समूहों में हमला करता है!
इनका कोई युद्ध रणनीति नहीं होता है यह संगठन कही भी किसी भी स्वरुप में हमला करता है और वहा से भाग जाता है इसलिए इनका सामना करना बहुत ही मुस्किल हो जाता है ! इस प्रकार के युद्ध पद्धिति को छापा मार या गुर्रिला युद्ध पद्धिति कहते है ! आज के समय में यह बहुत ही इस्तेमाल में आने वाला पद्धिति है !
जरुर पढ़े:
इस विषय के समझने के लिए हमने इस पोस्ट को निम्न भागो में बाँट दिया है
1.गुरिल्ला का आर्थ तथा आधार (Gurilla ka meaning ttha aadhar)
2.गुर्रिल्ला का इतिहास(Gurilla ka history)
3.गुरिल्ला का परिभाषा (Gurilla ka paribhasha)
4. गुरिल्ला का सिद्धांत (Gurilla ka siddhant)
5. माओ का सिद्धांत (Mao ka siddhant)
1.गुरिल्ला का आर्थ तथा आधार (Gurilla ka meaning ttha aadhar):
Sanketik chitr |
गुर्रिला का अर्थ :गुरिल्ला एक स्पेनिश शब्द है जो गुरा और इल्ला से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है जिसमे गुरा शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है युद्ध या लड़ाई और इल्ला शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है छोटा ! यानि छोटे स्तर की लड़ाई ! असाहाय शत्रु द्वारा सुरक्षा बालो के खिलाफ अपनाये जाने वाली छोटे छोटे हमला !
गुरिल्ला का आधार:
- अपने या अपने दुश्मन के बारे में जानकारी रखेंगे तो विजय जरुर प्राप्त होगी !
- उसके साथ ही वह की जमीन और जनता के बारे में पूर्ण जानकारी रखोगे तो सम्पूर्ण विजय जरुर होगा !
2.गुर्रिल्ला का इतिहास(Gurilla ka history):
- गुरिल्ला वार की सबसे पहली जिक्र छठी सताब्दी में लिखी गई किताब जो की एक चीनी लेखक सुन ताजू ने अपनी किताब” दआर्ट ऑफ़ वार”(the art of war) में की थी !उन्होंने लिखा है की गुरिल्ला का पहली जरुरत तेजी, चकमा और और धोखा होता है !
- गुरिल्ला लड़ाई 2000 साल पहले चीनी में लड़ी गई और उसके बाद इसे स्पेन ने अपनाया और उसके एक जनरल थे कार्ल बर्न क्लासिबिट्स के नेतृत्व में फ्रांस के नेपोलियन से लड़ा!
- पहले विश्व युद्ध में तुर्की ने इसी तरह के लड़ाई से अरब देश को हराया !
- दुसरे विश्व यद्ध में एरोपियन देशो के जनता ने वह के अपने दुश्मनों से लड़ी और जीत प्राप्त की !रूस के गुरिल्ला सेना से जर्मनी को बहुत नुकशान पहुचाया !
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कई देशो को गुरिल्ला युद्ध का सामना करना पड़ा जैसे , चीन , क्यूबा , वियतनाम यदि !
- भारत में इस युद्ध पद्धिति का इस्तेमाल सबसे पहले 17 वी सताब्दी में शिवाजी ने मराठो का छोटी छोटी टुकड़ी बनाकर वीजा पुर सुल्तान पुर में मुगलों के खिलाफ लड़ा और मुगलों के सैनिक ताकत बहुत थी फिर भी मुगलों को हार का सामना करना पड़ा!
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3.गुरिल्ला का परिभाषा (Gurilla ka paribhasha)
कुछ ब्यक्ति स्वतंत्र रूप से गिरोह बनाकर छोटे पैमाने में ही जन्भूमि में जनता के मदद से तैयार किया गया हथियारों से सरकार के खिलाफ किया गया अनियमित हिसात्मक और रहस्मय युद्ध को गुरिल्ला वर कहते है !
4. गुरिल्ला का सिद्धांत (Gurilla ka siddhant)
- भीतरी इलाको में लड़ाई जहा संचार के साधन काम हो
- कठिन और उबड़ खाबड़ जगहों में रहते है
- एक ही बार में लड़ाई नहीं करते बल्कि छोटे छोटे युद्ध करते है !
- मरना और भागना का तरीका अपनाते है !
- हर समय हरकत में रहना
- कार्य करते समय न उसके आगे और न उसके पीछे के बारे में सोचते है ! यनी उसके परिणाम के बारे में नहीं सोचते है
- जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिस करते है
- आश्चर्य और रहस्य (surprise and secrecy) मेन्टेन करते है
- धोखा देना
- सदा सुरक्षा बालो को नुकशान पंहुचा कर बिखेर देना
- सुरक्षित स्थानों पर बसे स्थापित करना तथा वह से लड़ना
- सुरक्षा बालो का मनोबल को गिरना और उसका प्रचार करना
- जहा विजय प्राप्त होने की संभावना होती है वही लड़ते है !
- तटस्थ और अपने विरोधियो को प्रताड़ित करना
- माओ का सिद्धांत अपनाते है !
5. माओ का सिद्धांत (Mao ka siddhant)
माओ का सिद्धांत निम्न है :
- सुरक्षा बल आगे बढेगा तो गुरिल्ला भागे गा
- सुरक्षा बल कही रुकेगा तो गुरिल्ला उसे परेशां करेगा !
- सुरक्षा बल थक गए तो गुरिल्ला उस पर हमला करेगा !
- सुरक्षा बाल पीछे हटेगा तो गुरिल्ला उसका पीछा कर पीछे से हमला करेगा !
किसी की जानकारी रखने से यह असं हो जाता है की उसके खिलाफ कैसी प्लानिंग किया जाय और कैसे उस परिथिति से निपटा जाय ! इसीलिए यह जरुरी है की सभी आर्म्ड फाॅर्स के जवान को गुरिल्ला लड़ाई , इतिहास और सिद्धांत के बारे में जानकारी होनी चाहिए !
इस प्रकार से यहाँ गुरिल्ला लड़ाई का अर्थ और उसके सिद्धांत, इतिहास से सम्बंधित यह पोस्ट संपत हुई उम्मीद है की आप को पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !
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