INSAS राइफल के फायरिंग पोजीशन और मज़बूत पकड़ बनाने के तरीके -I

इंसास राइफल  एक जवान का जातीय हथियार है इसलिए उसके फायरिंग पोजीशन और मज़बूत पकड़ के बारे में हर एक जवान को मालूम होंना चाहिए ! इस पोस्ट में हम इंसास राइफल के फायरिंग पोजीशन  जैसे स्टैंडिंग(INSAS Rifle standing position), के  बारे में जनेगे और इन पोजीशन  में देखने वाली  कौन कौन सी बातें है  तथा इन पोजीशन में मजबूत पकड़ कैसे हासिल करे !



ऐसे तो राइफल से भिन्न भिन्न पोजीशन जैसे स्टैंडिंग (INSAS Rifle Standing position), नीलिंग( INSAS RifleKneeling position) और लाइंग पोजीशन( INSAS Rifle Lying position)  से फायर किया जा ता है लेकिंग पोजीशन ऐसी होनी चाहिए की आसानी से हासिल किया जा सके और मजबूत पकड़ बनी रहे ! ऐसे तो ऑपरेशन के दौरान कौन सी पोजीशन हासिल किया  जा ए तो जमीन की बनावट , उपलब्ध आड़ और कुदरती सिधाई पर निर्भर  करता है ! इसीलिए हर एक जवान को कुदरती सिधाई हासिल करने का तरीका पता  होना चाहिए !
INSAS Rifle Laying Position
Laying Position
जैसे की मै ऊपर बताया हु की इंसास राइफल से हम तीन फायरिंग पोजीशन में फायर कर सकते है और ओ फायरिंग पोजीशन  है :

लाइंग पोजीशन : किसी भी पोजीशन को हासिल करने की तीन बुनियादी उसूल है (i) कुदरती सिधाई(ii) बोन सपोर्ट (iii) रिलैक्स मसलस ! लाइंग पोजीशन आसानी से हासिल जनि वाली पोजीशन है ! इस पोजीशन में बॉडी का खाका छोटा से छोटा बनता है जिससे ऑपरेशन के दौरान नीची से नीची आड़ के पीछे से दुश्मन की नजर और फायर से बचते हुए दुश्मन के ऊपर कारगर फायर डाल सकते है !

लाइंग पोजीशन को लेने का तरीका(How to adopt laying position) : सबसे पहले टारगेट के सीध में खड़े हो जाए, चलती हालत में बाएँ पांव को थोडा बाएँ और आगे लें साथ ही राइफल को बाएँ हाथ पर बदन बदन के सामने इस प्रकार उछालें की barrel तक़रीबन 45 डिग्री पे हो और बाएँ हाथ की पकड़  फ्रंट हैण्ड  गार्ड  और इसके बाद दाएं हाथ से ज़मीं का सहारा लेते हुए लेट जाये !

लाइंग पोजीशन में देखने वाली बाते(points to be ensure in laying position) : 
  • फ़्लैश एलिमिनाटर ज़मीं से उपर हो !
  •   बदन लाइन ऑफ़ फायर से तिरछा हो!
  • बदन के निचे कोई  चुभने वाली चीज न हो 
  • टांग कद के मुताबिक खुली हो 
  • हो सके तो एडिया ज़मीं पर बैठी हुए हों ! 


लाइंग पोजीशन में कुदरती सिधाई कैसे हासिल करे(INSAS Rifle Natural alingmen in laying position) : राइफल को दाहिने हाथ में रखे और बाएँ हाथ की कोस्नी को तब तक हरकत दें जब तक के टारगेट, बाएँ कोहनी , दाहिना कन्धा और दाहिना पांव एक सीध में ना आ जाए. अब दाहिने कोहनी को उस जगह पर रखें जहाँ पर कोहनी दाहिने और थोडा कंधे से निचे हो ! होनो हाथों की हथेली को थुड़ी के नीचे लगाकर आँखे बंद करे और बदन के तनाव को महसूस करें ! यदि बदन में तानव  है तो कोहनी उसी  जगह रखते हुए बदन को आगे पीछे करते हुए तनाव क दूर करें औ कोहनी के जगह को मार्क कर दे !



लाइंग पोजीशन में दुरुस्त पकड़(INSAS Rifle ki durust pakad in laying position) : राइफल की पाकर हासिल करने के लिए कंधे में ले जाएँ. बाएँ हाथ की कलमे वाली अंगुली और अंगूठे के बेच जो V बनता है वहां पार राइफल को रखें! हैण्ड गार्ड निचे वाली हथेली पर आ जाए! चरों अंगुलिया बहार से और अंगूठा अन्दर से साथ ही मग्जिन को कलाई के साथ होना चाहिए ! मज़बूत पकड़ में शारीर के भिन्न भिन्न अंगो का अपना अपना काम है जैसे :
  • बाया हाथ : बयां हाथ राइफल को निचे जाने से रोकता है और हैण्ड गुरद क निचे सपोर्ट का काम करता है 
  • दाहिना हाथ : दाहिना हाथ से पिस्तौल ग्रिप से इस प्रकार से पकडे की तीनों अंगुलिया अन्दर से और  कलमे वाली अंगुली ट्रिगेर गार्ड के आर पार हो ! दाहिना हाथ राइफल को कंधे की तरफ खिंच कर रखता है और साथ ही राइफल को मजबूती से पकड़ने में मदद  देता है !
  • कन्धा : कन्धा बट को जगह देता है और राइफल को पीछे जाने से रोकता है !
  • सिर: सिर को बट पर इस प्रकार रखें की गाल का नर्म भाग बट को ना दबाएँ ! ये  पोजीशन  बट पर हमेश एक जगह और एक जैसी होनी चाहिए ! ऑय रिलीफ 2 ” से 3″ होनी चाहिए !
लाइंग पोजीशन  की पूरी पकड़ को मज़बूत करना : पूरी पकड़ को मज़बूत करने के लिए बाएँ कोहनी के लूज मांस को ज़मीं पर जमाते हुए थोडा आगे पुश करें!दाहिने कोहनी के लूज मांस को  को काबू रकने के लिए कोहनी को अपनी तरफ खिचे. यदि राइफल ऊपर पॉइंट कर रही हो तो दाहिने हाथ को आगे करें ! आगर निचे पॉइंट कर रहीहै तो दाहिने हाथ को पीछे करें ! आगर बाएँ पॉइंट कर रही हो तो बाएँ पांव को थोडा और बाएँ करे और अगर देने पॉइंट कर रही हो तो दाहिने पांव को थोडा और दाहिने करे !  
लाइंग पोजीशन से खड़ा होने का तरीका :लाइंग पोजीशन  से खड़ा होने के लिए राइफल को बाएँ हाथ से दाहिनी बगल में लें , साथ ही बाएँ पांव को क्लोज करें. दाहिने हाथ से ज़मीं को पुश करते हुए खड़े हो जाएँ 
 लाइंग पोजीशन भी दो तरह का होता है एक सपोर्टेड और दूसरा अन सपोर्टेड  

लाइंग पोजीशन सपोर्टेड : रेंज पर पहले पोजीशन लेते समय अन सपोर्टेड पोजीशन लें उसके बाद ही उचाई के अनुसार आड़ लगायें . सपोर्ट लगते समय ध्यान रखे की फायर र  की कुदरती सिधाई ना बिगड़े!  साथ ही अगर सपोर्ट नरम मिटटी की हो तो बाएँ हाथ की कलाई को सपोर्ट के साथ लगाए! अगर सक्थ मिति की है तो सपोर्ट पर हैण्ड गुरद को रकः जाये ! ध्यान रहे की सपोर्ट के साथ मग्जिन ना लगे ! 

लाइंग पोजीशन कोहनी का सपोर्ट/ अन सपोर्टेड  : यदि राइफल को अन सपोर्ट पोजीशन से जीरो किया जाए और सपोर्ट के साथ फायर किया जाए तो गोलिया  निशान की जगह से ऊपर लगेगी ! अगर राइफल को सपोर्ट पोजीशन से जीरो किया जाए और अन सपोर्टेड पोजीशन से फायर किया जाएँ  तो गोलिया निशान की जगह से निचे लगेगी! 
इसी लिए राइफल को एल्बो सपोर्ट से जीरो करना चाहिए, ताकि किसी भी पोजीशन से फायर करने पर गोलिया पॉइंट ऑफ़ एम पर लग !  

इस प्रकार हम 5.56 mm  इंसास राइफल से लाइंग पोजीशन अख्तियार कर सकते है और मज़बूत पकड़ बना  सकते है .

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