पिछले पोस्ट में हमने मैप रीडिंग कम्पास सेटिंग तथा कंपास के इस्तेमाल (Compass ko set karna ttha istemal karna ) के बारे में जानकारी हासिल कीए अब इस पोस्ट में मैपों की विश्वसनीयता और खामिया के बारे में जानेगे(Map ki vishwasniyata aur khamia) ! इससे पहले हम विजिटर्स के द्वारा इस ब्लॉग पे पूंछे गए कुछ सवलात का जवाब देते चलू !
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सवाल :
- कंटूर रेखा क्या है(Contour rekhakya hai ) ?: सर्वे मैपों पर भूरे रंग की खीची हुई उन रेखाओ को कंटूर रेखा कहते है जो समुन्द्र सतह से निश्चित ऊंचाई वाली भूभाग से गुजरती हुई अपनी उचाई की रेखाओ में आकर मिलती है! कंटूर रेखा के मदद से हम सर्वे मैपों पे किसी स्थान की समुन्द्र तल से उचाई का पता की जाती !
- ग्रिड रेखा क्या है(Grid rekhaye kya hai) ?: सर्वे मैपो पर बैगनी रंग से खिची गयी रेखाए ग्रिड रेखाए कहलाती है जो मैप पर वर्ग बनती है उत्तर से दक्षिण की खड़े रुख में खिची गयी रेखाए पूर्वी रेखाए कहलाती है और पूर्व से पश्चिम में पड़े रुख में खिची हुई ग्रिड रेखाए उत्तर रेखाए कहलाती है और इनके द्वारा बने हुए जल को ग्रिड(Grid) कहते है
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अब हम आज के पोस्ट के टॉपिक को आगे बढ़ाते है
Political map of India |
मैपों की विश्वसनीयता : मैपों की विश्वसनीयता से तात्पर्य उस बात से है की मैप पे दर्शाए गई कितनी सुचनाए है जो ग्राउंड पे भी हु बहु उपलब्ध है ! मैप पे उसी माह या उसी साल का सही चित्रण होता है जिस दिन उस इलाके का सर्वे किया जाता है ! उसके बाद कितने परिवर्तन हो जाते है की मैप और ग्राउंड की सुचनाए आपस में ठीक नहीं बैठती है !
मैप को विश्वसनीय होने के लिए निम्न बातो जरूरत होती है
- किसके द्वारा बने गई है : पिछड़े देशो के मैप कम विश्वसनीय माने जाते है
- कब के सर्वे पे बना हुआ मैप है: यानि पुराने सर्वे पे बने हुए मैप नए सर्वे पे बने मैपो के अपेक्षा कम विश्वसनीय होते है !
- मैप का स्केल क्या है : छोटी स्केल के मैप बड़ी स्केल के मैप से ज्यादा विश्वसनीय माने जाते है !
- मैप किस इलाके का है : पहाड़ी या दुर्लभ जगह का मैप में बहुत सी सुचनाये हवाई फोटो ग्राफी या अंदाज से भरे जाते है जबकि मैदानी इलाके के मैप में सुचनाए पूरी तरह से वेरीफाई करने के बाद भरी जाती है !
- मैप ओरिजिनल है या कॉपी किया हुआ : ओरिजिनल मैप ज्यादा विश्सनीय होते है वानस्पत कॉपी मैपो के !
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मैप की कमिया(map ki kamia) :मैप इसीलिए बनाया जाता है की उस इलाके में गए बिना ही किसी भी एरिया के ज़मीनी डिटेल तथा बनावट की जानकारी हासिल किया जा सके इस लिए मैपों में ज्यादा से ज्यादा सुचनाये दिखने की कोशिश की जाती है ! फिर भी कुछ कमिया रह जाती है जैसे :
- मैपो को बनाते समय कोसिस किया जाता है जितना संभव हो सके उतना जरुरी डिटेल को मैप पे दिखा दिया जा और गैरजरूरी सूचनाये हटा दी जाय क्यों की ये संभव नहीं है की सभी सूचनाये एक ही मैप में सामीटा जाय! इस जरी और गैर जरुरी में बहुत बार जरुरी सूचनाये भी छुट जाती है!
- कुदरती कारन से भी जमीनी निशान बदलते रहते है जैसे बढ़ या तूफान यदि के आने से किसी इलाके के बनावट में बहुत बदलाव आजाता है जो की मैप पे तत्काल नहीं दिखलाई देगा जबतक की नया सर्वे न हो उस एरिया का !
- कुछ ऐसे इलाके है विशेषकर पहाड़ी एरिया में वह के रहवासी अपना रहने का स्थान समय समय पे बदलते रहते है जो की मैप में दिखाई गई जगह से लगा हो जाती है !
- ज़मीन रिलीफ यानि उचाई मैप यानि नीचे कागज के समतल टुकड़े पे दिखाना आसन नहीं है और उसे ठीक ठीक दिखाना मुस्कील होता है इसलिए मैपो पे चाय और नीचे वाले भूभागो को पढना मुस्किल होता है !
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ये कुछ मैप की खामिया होती है उम्मीद करता हु की पोस्ट पसंद आया होगा !
इसके साथ ही कंटूर रेखाए क्या है से सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे!
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