आटोमेटिक हथियार के गैस को रेगुलेट करने का तरीका तथा फायदे और नुकशान

पिछले पोस्ट में हमने जाना की आटोमेटिक वेपन के गैस ऑपरेशन के सिस्टम कैसे काम करता है ! इस पोस्ट में हम जानेगे की गैस ऑपरेशन वाले हथियारों के फायदे और नुकशान क्या है(automatic hathiyaro me gas operation ka tarika, fayda aur nukshan) !




एक जवान को हथियार के चाल और उसके मेच्निस्म की जानकारी होनी चाहिए ताकि उस हथियार में पड़नेवाली किसी भी रोक के कारन को अच्छे से समझ सके और उसे दूर कर सके क्यों की हम जानते है की ऑपरेशन के दौरान जवान को खुद अकेले ही सभी करवाई करनी पड़ती है वह न तो अर्मोरेर होता है न ही कोई और बल्कि खुद ही उसे सभी प्रकार के रोको को दूर करके लड़ाई की लड़नी पड़ती है ! इस लिए जरुरी है की एक जवान अपने पर्सनल वेपन तथा जिस किसी भी हथियार को ओ इस्तेमाल कर रहा है उसके चाल और मैकेनिज्म के बार में जानकारी रखे !

इस पोस्ट में हम निम्न विषयों के बारे में जानेगे :
  1. आटोमेटिक हथियारों में गैस को कण्ट्रोल करने के तरीके क्या है ?(Automatic weapon me gas control karne ke tarike kya hai)
  2. गैस ओपेराटेड हथियार के फायदे (Gas operated weapon ke fayte kya hai )
  3. गैस ओपेराटेड हथियार के नुकशान (Gas operated weapon ke nukshan kya hai)
1. आटोमेटिक हथियारों में गैस को कण्ट्रोल करने के तरीके क्या है ?(Automatic weapon me gas control karne ke tarike kya hai):गैस कण्ट्रोल हथियारों में गैस कण्ट्रोल करने के निम्न तरीके है :
(a) एग्जॉस्ट तो अटोमोसफेयर(Exhaust to autmosphere ka tarika) :

Exhaust to atmosphere system
Exhaust to atmosphere system

इस तरीके में बैरल से गैस वेंट द्वारा सिलिंडर में ली गई गैस की मात्रा सामान रहती  है !लेकिन इससे पहले की गैस पिस्टन हेड पर दबाव डाल सके गैस की कुछ मात्रा गैस एस्केप होल से वातावरण में चली जाती है और बची हुई गैस पिस्टन हेड पर दाबाव  डालकर चाल वाले पुर्चे को पीछे की हरकत कराती है !

गैस एस्केप होल कितना खुला होगा यह रेगुलेटर की सेटिंग पर निर्भर करता है ! जैसे की 7.62 mm

एसएलआर तथा 5.56 mm इंसास राइफल  एवं एलेमजी  सिलिंडर में गैस किम मात्रा बढ़ाने के लिए गैस एस्केप होल को बंद किया जाता है !

जरुर पढ़े :51mm मोर्टार को खोलना जोड़ना और उसके पार्ट्स के नाम

(b) वेरिएबल गैस ट्रैक(Veriable gas track ka tarika) :

Variable Gas Track System
Variable Gas Track System

इस तरीके  में गैस द्वारा गैस वेंट से ली गयी गैस की मात्रा सामान नहीं होती है क्यों की रेगुलातो में अलग अलग साइज़ के 4 गैस ट्रैक(रास्ते) होते है ! बड़े साइज़ का गैस वेंट से अधिक मात्रा में गैस सिलिंडर में दाखिल करता है जिससे पिस्टन हेड पर अधिक दबाव पड़ता है ! अगर छोटे साइज़ के गैस ट्रैक , गैस वेंट के सामने होगा तो अपेक्षाकृत कास गैस सिलिंडर में दाखिल होगी ! जैसे 7.62 mm एलेमजी

जरुर पढ़े : स्मोक और इल्लू बम का चाल और बेसिक डाटा

(c) कांस्टेंट वॉल्यूम (Constant volume ka tarika):

Constant Volume Regulator
Constant Volume Regulator

इसमें कोई गैस रेगुलेटर नहीं होता और गैस वेंट से आने वाली पूरी गैस सिलिंडर में आकर पिस्टन हेड पर दबाव डालती है ! यानि सिलिंडर में आने वाली गैस की मात्र इस तरीके से अपरिवर्तित रहती है! जसे की 7.62 mm AKM राइफल !

2. गैस ओपेराटेड हथियार के फायदे (Gas operated weapon ke fayte kya hai ): गैस ओपेरातेड हथियारों के कुछ निम्नलिखित फायदे है !

  • गैस रेगुलेटर की सेटिंग  बदली करके हथियार का फायरिंग रेट बदली कर सकते है 
  • यह हथियार आम तौर पर वजन में हलके होते है !
  • इन हथियारों से अधिक रेट प्राप्त किया जा सकता है 
  • अधिक एक्यूरेट है 
  • हथियार को ऑपरेट करने के लिए काफी एनर्जी उपलब्ध है ! जिसे गैस रेगुलेटर की मदद से सही रम में इस्तेमाल कर सकते है !
3. गैस ओपेराटेड हथियार के नुकशान (Gas operated weapon ke nukshan kya hai):  गैस ओपेराटेड हथियार के कुछ एक  नुकशान निम्न है :
  • ब्रीच की ओर से निकलने वाले धुएं के करने फायरर को परेशानी होती है !अतः बंद स्थानों जैसे टैंक या अर्मौरेड पर्सनल काररीएर के अन्दर से फायर करने में असुविधा होता है !
  • ग्राम गैस पिस्टन वेंट आदि में एरोजन करती है !
  • रुकवाटे ज्यादा पड़ती है !आदि 
इस प्रकार से गैस से चलने वाले आटोमेटिक हथियारों के फायदे और नुकशान से सम्बंधित यह संक्षिप्त पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है की यद् पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! 
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