पिछले पोस्ट में हमने इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके है ! इस पोस्ट में हम बेसिक वेपन ट्रेनिगं चलने के बारे में जानकरी प्राप्त करेंगे !
जैसे की हम जानते है की आर्म्ड फ़ोर्स के जवानों को हथियार की सिखाली देने का मात्र उद्देश्य यह है की जवान लड़ाई या किसी ऑपरेशन के दौरान शत्रु पर फ़तेह हासिल कर सके तथा शांति के दौरान जहा कही भी ड्यूटी कर रहा हो वाहां सही तरह से ड्यूटी करे और रक्षा करने पे पूरी तरह से काबिल हो ! ऐसे कहावत है की हथियार ही टैक्टिस को बदलते है !
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इस लिए यह बहुत जरुरी है की हम जवानों व ओहेदार को ऊँचे दर्जे की सिखाई दे ताकि वह लड़ाई के मैदान में हथियारों का तेजी व दुरुस्ती से इस्तेमाल कर सके !
इस पोस्ट के दौरान हम निम्न बातो के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !
- ट्रेनीज का वर्गीकरण (Trainees ka classification)
- सही तरह के ट्रेनिंग न देने का नुकशान (Sahi tarah ka training nahi dene ka nukshan)
- ट्रेनिंग देने का बेसिक पुराना तरीका (Training dene ka basic old tarika)
- ट्रेनिंग देने का बेसिक पुराना तरीका का फायदा (Basic old tarike ka fayda)
1.ट्रेनीज का वर्गीकरण (Trainees ka classification): फ़ोर्स में ट्रेनिंग पाने वालो का अगर वर्गीकरण करे तो मोटे तौर पर तीन हिस्सों में बाटा जा सकता है
- रेक्रुइट्स इसमें सीधी भारती वाले अधिकारी भी सामिल है
- यंग सोल्जर वह अधिकारी व जवान जो अपनी बेसिक ट्रेनिंग के बाद एक या डेढ़ साल की सर्विस कर लिए हो
- ट्रेन्ड सोल्जर या ओहेदेदार व जवान जिनकी सेर्चिए की अवधि 5 या 6 साल की होती है
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2. सही तरह के ट्रेनिंग न देने का नुकशान (Sahi tarah ka training nahi dene ka nukshan)जिस तरीके से रिक्रूट को सिखलाई दी जाती है उस प्रकार यंग सोल्जर को भी दिलाई जाए तो इसके चाँद नुकसान हो सकते है !
- एक ही तरह की सिखलाई से उदासीनता आ जाएगी और वह दिलचस्पी नहीं लेंगे
- समय ज्यादा बर्बाद होगा
इन दोनों को दूर करने के लिए हथियार की सिखलाई ट्रेनिंग को चलने के लिए अलग अलग तरीके बताये गए है ! कमांडर को चाहिए की अपने ट्रेनिंग ऐड ट्रेनर की संख्या और ट्रेनीज के स्तर देखकर मुनासिब तरीके चुने ! जिससे हथियार की ट्रेनिंग का अंतिम उद्देश्य एक गोली एक दुशमन प्राप्त किआ जा सके !
3. ट्रेनिंग देने का बेसिक पुराना तरीका (Training dene ka basic old tarika)
(a) सिखलाई पाने वालो की किस्मे
- रिक्रूट
- रेक्रुइतो के नए ट्रेनर
- कठिन सब्दो को पढने के लिए जैसे राइफल /एलेमजी की चाल
- कोई नया हथियार फ़ोर्स में आये हो तो उसकी भी सिखलाई बेसिक पुराने तरीके से दी जाए !
(b) चलाने का ढंग
- शुरु शुरू की करवाई : क्लास की गिनती ग्रौपो की बाँट , हथियार का मुलाहिजा
- दोहराई : सबक के साथ संम्बंध रखने वाले विषयों पर ली जाए
- उद्देश्य : दोहराई जाये
- सामान : सबक में इस्तेमाल होने वाला सामान
- ब्यान : सबक के बारे में एक छोटा सा बयां
- तरतीब : सबक के बारे में एक छोटा सा बयाँ
- संक्षेप्त : मोटे तौर पर सवाल जवाब से किया जाये
(c) प्रदर्शन : इसका मोटे प्रदर्शन किसी भी हह्तियर का सबक चलाकर दिखा दिया जाये
4. ट्रेनिंग देने का बेसिक पुराना तरीका का फायदा (Basic old tarike ka fayda)
- कोई चीज छुट नहीं पाती है
- सबक दर्जा व चलता है
- मुस्किल सबक चालना आसन है
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इस प्रकार से हथियारों की ट्रेनिंग देने का बेसिक पुराना तरीका से सम्बंधित संक्षिप्त पोस्ट समाप्त हुई उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पेज लाइक करके हमलोगों को और प्रोतोसाहित करे !
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हथियार की ट्रेनिंग के बारे पीडीएफ फ़ाइल होतो सेंड क्रोसर
कृपया आप डाउनलोड सेक्शन में देखे वह बहुत से पीडीऍफ़ वह है