पिछले पोस्ट में हमने 9 mm CZ-99 पिस्टल के बारे में जानकारी हासिल की इस पोस्ट में पिस्टल फायरिंग के दौरान पिस्टल के ग्रिप करने तथा होने वाली गलतियों को सुधरने के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !
फायरिंग रेंज पे ज्यादातर हम ट्रेनिंग के दौरान ये पते है की फायरर की
फायरिंग में कोई भी नुख्स पड़ता है तो फायर र अपनी गलती नहीं मान कर ओ ज्यादातर यही
सोचा करवाई करता है की वेपन में ही कोई नुख्स है जिसके कर
उसकी फायरिंग अच्छी नहीं हो पा रही है और ओ बार बार
या तो अपना वेपन बदलने का कोसी करता है या अर्मोरेर को दिखता है की वेपन में ही
नुख्स है उसे ठीक किया जाय ! जब की एक फायरर को यह याद रखना चाहिए !
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“हथियार तो मेटर करता है, लेकिंन वह फायरिंग दौरान अच्छी निशाना
लगाने के लिए उतना मेटर नहीं करता है जितना की उस वेपन को फायर करने वाला फायरर
मेटर करता है !”
फायरिंग के दौरान और उसके बाद
भी ट्रेनिंग फायरर के मन में बहुत सारे सवाल रहते है जैसे :
1. फायरिंग के लिए पिस्टल को सही
पकड़ने का तरीका क्या है ?(What is the best way to grip the pistol?):
पकड़ने का कोई एक तरीका नहीं होता है बल्कि इसे रेगुलर फायर करते करते अपनी खुद की
एक स्टाइल आ जाती ! फिर भी सिखलाई के लिहाज से बताया जाता है की पिस्टल को फायरिंग
के लिए पकड़ते समय ग्रिप जितना ऊपर हो सके उतना ऊपर अंगूठा और तरजनी (फर्स्ट फिंगर) के बीच में पकड़ बननी चाहिए ! पिस्टल की ग्रिप ज्यादा टाइट नहि होनी चाहिए बल्कि
उसके अंदर सखती होनी चाहिए !
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टेक्निकल डाटा
2. पिस्टल फायरिंग के दौरान रेकॉइल को रोकने के लिए पिस्टल को क्या ज्यादा
टाइट पकड़ना चाहिए ?(should we
hold pistol tightly to contain the recoil?):
रेकॉइल नहीं रुक सकता है बल्कि टाइट पकड़ने के
कोशिश में बैरल निचे के एंगल में ज्यादा हो जायेगा और बुलेट की हिट पॉइंट ऑफ़ एम से
निचे लगेगा ! इस लिए पिस्टल को ज्यादा टाइट पकड़ने से रेकॉइल नहीं रुकेगा बल्कि
पिस्टल को सखती के साथ अर्रम से पकड़ बननी चाहिए !
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3. क्यों पिस्टल फायरिंग के दौरान
गोलिया बाएं साइड और निचे की और लगता है !(shoot low and left, what is wrong with my pistol?):
नहीं होता है बल्कि फायरर घबराये हुए होने के कारन पिस्टल के फायर को फायर होने से पहले ही अनुमान लगता है और फायर होने
से पहले ही फायर की र्रेकोइल को रोकने के लिए हरकत करता है जिससे पिस्टल की बैरल
थोड़े निचे और 11 बजे की लाइन में चली जाती है ! इस गलती को
दूर करने के लिए एक ही उपाय है की पिस्टल का ट्रिगर ऑपरेशन स्मूथली किया जाय न की
झटके से और रेकॉइल को रोकने की कोशिश न करे बल्कि पिस्टल को सखती से पकड बनाये !
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4. राइफल को फायर करते समय गोली ऊपर 11 बजे की लाइन
में क्यों लगती है ?(why generally rifle tend to shoot high at 11 O‘clock
direction):
फायरर राइफल को फायर करते समय अपनी गाल को रीग्ले के बट के ऊपर अच्छी तरह से प्लेस नहीं करता है बल्कि अपनी गाल को
बट के ऊपर रख देने के कारन बैरल पॉइंट ऑफ़ एम से ऊपर हो जाता है और फायर अपनी लेफ्ट
हैण्ड को अच्छी तरह से इस्तेमाल नहीं करता है बैरल को पॉइंट ऑफ़ एम पे लेन के लिए
बल्कि वह साईट पिक्चर मिलते ही फायर कर देता है !
और सिद्धांत
इस प्रकार से यहाँ आधुनिक पिस्टल
फायरिंग के दौरान की कुछ गलतिया और उसे दूर करेने के तरीके से सम्बंधित पोस्ट समाप्त हुआ !उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में
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