कॉनिकल हिल से क्या समझते हैं और उसे मैप पर कैसे दर्शाया जाता है? what is Hill, Mountain,conical hill ,

 पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने मैप रीडिंग के मैप इनलारजमेंट के बारे में जानकारी प्राप्त की थी और अब हम इस नए पोस्ट में मैप रीडिंग की एक और 20 है के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। हम जानेंगे की टोपोग्राफिकल फॉर्म्स में हील और माउंटेन क्या होते हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने के बाद आप टोपोग्राफिकल फॉर्म के निम्नलिखित शब्दों के बारे में अच्छी से जानकारी प्राप्त कर पाएंगे:
1. हिल या पहाड़ी क्या होता है? 
2. पहाड़ या माउंटेन किसे कहते हैं?
3. क्रॉनिकल हिल से क्या समझते हैं और उसे मैप पर कैसे दर्शाया जाता है?
4. चोटी से क्या समझते हैं और उसे मैप पर कैसे दर्शाया जाता है?

जैसे कि हम जानते हैं कीटो ग्राफिकल फॉर्म के सहायता से मैप रीडिंग की सिखलाई में वह चीजें टोपोग्राफिकल फॉर्म कहलाती है जिनसे उनकी जमीनी बनावट का सहज अनुमान हो जाता है।
1.हील या पहाड़ी क्या होता है:-जमीन के उस उठे  हुए भाग को पहाड़ी कहते हैं जिसकी ऊंचाई समुंदर तल से 3000 हजार फिट से कम होती है।
2. पर्वत या माउंटेन किसे कहते हैं:-जमीन का वह ऊंचा उठा हुआ भाग जिसकी ऊंचाई समुंद्र तल से 3000 फीट से अधिक हो उसे परबतिया माउंटेन कहते हैं।
3. कॉनिकल हिल से क्या समझते हैं और उसे मैप पर कैसे दर्शाया जाता है:-वह पहाड़ी जिसकी सभी ओर की ढलान एक जैसी हो, उसकी शक्ल नीचे से गोल कार होती है! इस को दिखाने वाली कंटूर लाइन मैप पर भी गोलाकार होती है !और आखिर में सबसे ऊंचे स्थान पर बिंदु की शक्ल में बदल जाती है। कॉनिकल हिल आमतौर पर ज्वालामुखी वाले देशों में पाई जाती है। मैप के ऊपर इसे भूरे रंग के कानपुर लाइन से इस प्रकार से दिखाया जाता है।

4. चोटिया पिक क्या होता है इसको मैथ के ऊपर कैसे दर्शाया जाता है:-किसी पहाड़ि या पर्वत की सबसे ऊंची जगह को चोटी कहते हैं। मैप पर चोटी की ऊंचाई स्थानिक ऊंचाई या त्रिभुजाकार ऊंचाई से दिखाई जाती है। मैप के ऊपर इसे भूरे रंग के कंटूर लाइन से इस प्रकार से दिखाया जाता है।

इस प्रकार से यहां टोपोग्राफिकल का एक ब्लॉग पोस्ट जिसमें कि हमने हील माउंटेन कोनिकल हील और चोटी से संबंधित जानकारी प्राप्त की। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको पसंद आएगा। अगर कोई कमेंट हो तो नीचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पर लाइक करें और हम लोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
इन्हें  भी  पढ़े :
  1. मैप रीडिंग में दिशाओ के प्रकार और उत्तर दिशा का महत्व
  2. दिन के समय उत्तर दिशा मालूम करने का तरीका
  3. कन्वेंशनल सिग्न ,कन्वेंशनल सिग्न के प्रकार , कन्वेंशनल सिग्न बनाने का तरीका
  4. रात के समय उत्तर मालूम करने का तरीका
  5. सर्विस प्रोटेक्टर का परिभाषा और सर्विस प्रोटेक्टर का प्रकार
  6. सर्विस प्रोटेक्टर का उपयोग और सर्विस प्रोटेक्टर से बेक बेअरिंग पढने का तरीका
  7. 13 तरीके मैप सेट करने का !
  8. 5 तरीका मैप पे ऊपर खुद का पोजीशन को पता करने का
  9. 5 तरीको से मैप टू ग्राउंड और ग्राउंड टू माप जाने
  10. मैप रीडिंग के उद्देश्य तथा मैप रीडिंग के महत्व

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