.38 इंच रिवाल्वर को पकड़ना, कॉक, अन कॉक और फायर करना IWT

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने  38 इंच रिवाल्वर के सफाई , भरना और खाली करना   की और अब इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के इस लेसन में हम.38 इंच रिवाल्वर को पकड़, कॉक, अन कॉक और फायर करना  को सरल शब्दों में जानेगे (.38 inch revolver ko  pakad, cock, uncock aur fire karna ka IWT  ) ! इस पोस्ट को आसान बनानके लिए हमने इसे कांस्टेबल के बेसिक ट्रेनिंग में जिस क्रमबद्ध तरीके से सिखाया जाता है उसी क्रम में लिखेगे! 

.38" रिवाल्वर का पार्ट्स का नाम
.38″ रिवाल्वर का पार्ट्स का नाम 

1. शुरू-शुरू का काम –
  • (क) क्लास की गिनती और ग्रुपों में बाँट
  • (ख) हथियार और सामान का निरीक्षण 
  • (ग) बंदोबस्ती की कार्यवाही 

2 दोहराई-रिवाल्वर की विशेषताएँ और भरना-खाली करना पर किये जायें।
3. पहुँच रिवाल्वर के साथ दुश्मन को बर्बाद करने के लिए मजबूत पकड़, स्वाभाविक उठाव और ट्रिगर को निचोड़ना बहुत जरूरी है। रिवाल्वर दो किस्म के हैं। एक केम वाला और दूसरा बगैर केम के। केम ले रिवाल्वर से सिंगल और डबल एक्शन से फायर किया जाता है। इससे एम्युनिशन की बचत और निशाना दुरुस्त लगता है। बगैर केम वाले रिवाल्वर से डबल एक्शन से फायर किया जाता है।
4. उद्देश्य :-रिवाल्वर की पकड़, कॉक, अनकॉक, फायर करना और बैटल क्रौच पोजीशन लेने का तरीका सिखाना है (उद्देश्य को दोहराये) ।
5. सामान -रिवाल्वर, ड्रील कार्टिज, टारगेट सीक्यू.बी.. एक लकीर वाला शीशा और ग्राउण्डशीट।
6. भागों में बॉट-
  • भाग 1- रिवाल्वर पकड़ना, कॉक और अनकॉक करना।
  • भाग 2- फायर करना और बैटल क्रौच पोजीशन।

भाग 1- रिवाल्वर पकड़ना, कॉक और अनकॉक करना

(क) रिवाल्वर को पकड़ना:– खिाल्वर की दुरुस्त पकड़ फायर करनेवाले हाथ की अंगुली पर निर्भर है। फायर करते वक्त अँगुलियों को बट पर इस प्रकार लपेटें कि बीच का जोड़ ट्रिगर गार्ड के बायीं तरफ, तीसरी और चौथी उँगलियाँ बट के बीच मजबूती से लपेटी हों और चौथी अँगुली की मजबूत पकड़ से सारी पकड़ की मजबूती कायम रहे। जब रिवाल्वर को इस प्रकार पकड़ी जायेगी तो वह हाथ का हिस्सा मालूम । पैर खुली रखते हुए खिाल्वर को दाहिने हाथ से पकड़ें और बायें हाथ के चार उँगलियों को दाहिने हाथ की तीन उँगलियों पर रखें ताकि बायें अंगूठे से कॉक किये हुए खिाल्वर के केम को रुकावट न पड़े। रिवाल्वर को पकड़कर इस तरह खड़े हों कि जिस हाथ से रिवाल्वर पकड़ा हो वही पैर आगे हो।

(ख) कॉक करना – रिवाल्वर को सीखे हुए तरीके से पकड़ें। हथेली ऊपर करें और कलमे वाली अंगुली ट्रिगर से अलग करके उसे ट्रिगर गार्ड के आगे करें. अंगूठा हैमर कम्ब के आर-पार रखें और ढीली पकड़ से हाथ पलट दें। तीसरी और चौथी अँगुली को ढीला कर सकते हैं पस्तु बीचवाली अंगुली को नहीं हिलना चाहिए। हैमर को पीछे खींचें और रेस्ट पोजीशन में जाएँ। यदि रिवाल्वर को दोनो हाथों से पकड़े हों तो हैमर काम्ब को बायें हाथ के अंगूठे से पीछे खींचा जा सकता है।

(ग) अनकॉक करना: रिवाल्वर भरा हो या नहीं अनकॉक की कार्रवाई केवल ट्रिगर दबाकर नहीं बल्कि हैमर को काबू में रखकर की जाय हाथ इस प्रकार घुमाएँ कि हथेली जमीन की ओर हो जाय और अंगूठा हैमर काम्ब के ऊपर हो अब ट्रिगर को दबाएँ और काम्ब वाले अंगूठे से हैमर को काबू में रखते हुए आहिस्ते से आगे जाने दें। बायें हाथ से फायर करनेवाली पूरी कार्रवाई इससे उल्टा करें। याद रखना चाहिए कि भरे हुए रिवाल्वर को कॉक किया जाता है तो, जो राउण्ड हैमर के सामने है, वह दोबारा ट्रिगर दबाने पर फायर नहीं होगा बल्कि 2 बजे या 10 बजे की लाईन में आ जाएगा। इसीलिए यदि अनकॉक करते समय केवल तीन जिंदा राउण्ड रहे तो ऐसी दशा में तुरंत प्रयोग के लिए केवल दो राउण्ड मौजूद रहेंगे। इनको फायर करने के बाद उस राउण्ड को फायर करने के लिए खाली चैम्बर को तीन बार ट्रिगर दबाने की आवश्यकता होगी, ताकि वह राउण्ड फायर करने के लिए हैमर के सामने आ जाय ।
भाग 2- फायर करना और बैटल क्रौंच पोजीशन
(क) फायर करना :- जब आदेश मिले रेडी तो कार्रवाई इस प्रकार करें

  • (i) केश खोलें और बट को मजबूती से पकड़कर रिवाल्वर को केश से बाहर निकालें।
  • (ii) रिवाल्वर को बदन के बीच लाते हुए टारगेट के मध्य में मिलाएँ। रिवाल्वर बदन के बीच में 6 इंच से 12 इंच आगे हो ।
  • (iii) सीखे हुए तरीके से रिवाल्वर को कॉक करें और कलमे वाली अँगुली ट्रिगर पर रखें।
  • (iv) यदि कोई टारगेट न हो तो बैरल को सुरक्षित दिशा की ओर रखें।

(ख) बैटल क्रौंच पोजीशन :- नजदीक फासले पर अचानक दुश्मन निकले पर उसकी नजरों में छोटा टारगेट बनाने के लिए बैटल क्रौंच पोजीशन से फायर किया जाता है, जो इस प्रकार है

  • (i) रेस्ट पोजीशन के हुक्म पर रिवाल्वर को सीखे हुए तरीके से केश से निकालें रिवाल्वरवाले हाथ के विपरीत पैर को एक कदम आगे लें।
  • (ii)बदन आगेवाले घुटने के ऊपर कूल्हे से आगे झुका हुआ, दोनो कंधे झुके हुए लेकिन फायर करनेवाले बाजू का कंधा दूसरे कंधे से कुछ नीचे होना चाहिए। बदन के किसी भाग में तनाव न हो।
  • (iii) रिवाल्वर बायें पंजे के ऊपर आयत की सीध में दुश्मन पर लगाई जाय। ध्यान रहे, रिवाल्वर टारगेट की सीध में हो तथा हाथ को लम्बा न किया जाय ।
  • (iv) फायर करनेवाली कोहनी और हाथ अंदर की तरफ इस प्रकार खिंचे हों कि फायर करनेवाले की नाभि और लक्ष्य एक सीध में आ जाएँ।
  • (v) हाथ और बैरल जमीन के समानान्तर हो। कोहनी का पोजीशन बदन के बीच बेल्ट कड़ी के सामने बीच में हो। जब इस प्रकार फायर किया जाय तो गोली फायर करनेवाले के बदन के जिस हिस्से की तरफ से रवाना होगी, दुश्मन के उसी भाग में लगेगी।
  • (vi) यदि अचानक दुश्मन दाहिने या बायें निकले तो आगेवाले पैर को पिवट मानते हुए दाहिने या बायें को घूम जाएँ । यदि दुश्मन पीछे निकल आये तो आगेवाले पैर को पिवट मानते हुए बायें से पीछे घूम जाएँ।

नोट :- और पोजीशन 9 एम.एम.पिस्टल की तरह।

अभ्यास :- क्लास को जोड़ी जोड़ी में अभ्यास कराया जाय।
संक्षेप :- सबक के ऊपर क्लास से सवाल-जवाब ।

इसके साथ ही .38 इंच रिवाल्वर को पकड़, कॉक, अन कॉक और फायर करना   से  सम्बंधित IWT का पाठ समाप्त हुवा !उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी ! इस ब्लॉग सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 

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